आज 14-01-2022 मकर संक्रांति है आज सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं यह ऐसा दिन है,जब धरती पर अच्छे दिन शुरू हो जाते हैं क्योंकि जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर प्रस्थान करता है तब उसकी किरणों का जीवन पर खराब असर माना जाता है, लेकिन जब सूर्य पूर्व से उत्तर की ओर बढ़ता है तब उसकी किरणें जीवन में सेहत और शांति लेकर आती हैंI हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है।
मकर संक्रांति को और क्या कहते हैं
देश के कई राज्यों में ‘मकर संक्रांति‘ को अलग-अलग नामों से मनाया है जैसे उत्तर प्रदेश में इसे ‘खिचड़ी‘, पश्चिम बंगाल में ‘पौष संक्रांति‘, उत्तराखंड में ‘घुघुतिया‘, असम में ‘बिहू‘, गुजरात में ‘उत्तरायण‘ और दक्षिण भारत में ‘पोंगल‘I
मकर संक्रांति क्यों ख़ास है?
बहुत कम लोग ऐसा जानते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य के साथ भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है इस दिन तिल को पानी में मिलाकर स्नान करें तथा तिल और गुड़ के पकवानों बनाएँI ऐसा माना जाता है कि चावल का चंद्रमा से उड़द दाल का शनि से और हरी सब्जियाँ का बुध ग्रह से संबंध हैI इसलिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान करने से कष्ट कट जाते हैं और ग्रहों की स्थिति में सुधार आता हैI संक्रांति में गुड़, तेल, कंबल, फल, छाता आदि दान करने से पुण्य मिलता हैI
सुबह से लेकर मकर संक्रांति की पूजा तक का कार्यक्रम :-
- मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में काला तिल, गुड़, गंगाजल के पानी से स्नान करें I
- एक ताँबे के लोटे / गिलास में पानी भरें I
- काले तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प आदि मिलाएँ I
- सूर्य देव को स्मरण करके उनके मंत्र का जाप करेंI
- यह जल उन्हें पूर्ण श्रद्धा के साथ चढ़ा देंI
- स्वस्थ जीवन और धन्य धान्य से पूर्ण घर देने की कामना करें I
- सूर्य देव की पूजा के बाद शनि देव को काला तिल अर्पित करेंI
ध्यान दें : – जो लोग 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाएँगे वे शनि देव की पूजा करना न भूलें क्योंकि इस दिन शनिवार भी है.
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