फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 1 मार्च 2022, मंगलवार को मनाया जाएगा। वर्ष में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं, लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का कुछ ख़ास महत्त्व है।
आप भी इस अवसर को जाने न दें और हमारे बताए गए तरीके के अनुसार पूरे भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ इस उत्सव को जीवन के उत्सव में बदल लें I कहते हैं कि चंद्रमा को शिवजी मस्तक पर धारण किया हुआ है शिवजी की पूजा आराधना करने से चंद्रमा बलवान होता है चंद्रमा का संबंध मन और माता से हैं मानसिक शांति और रोगों से निजाद पाने में इसका बड़ा योगदान होता है । मन बलवान तो साहस और शक्ति का संचार होता है ।
महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है । वैसे शिवजी की कृपा पाने के लिए भक्त 16 सोमवार का व्रत करते हैं तो जो भक्तगण ऐसा करना चाहते है उनके लिए ये आने वाली शिवरात्रि शुभ है इसी आरंभ करें और मनोकामनाओं को पूरा करें I
प्राचीन मान्यता है कि शिवरात्रि के दौरान रात भर जागते रहना चाहिए और आधी रात के समय शिव पूजा करनी चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि अविवाहित महिलाएँ जीवन में अच्छे वर की कामना के लिए तो वहीँ शादीशुदा विवाहित महिलाएँ जीवन में शांति इस व्रत को करती हैं । ध्यान दें कि मासिक शिवरात्रि फ़रवरी में नहीं है क्योंकि जनवरी में दो बार मासिक शिवरात्रि पड़ गई है ।
महाशिवरात्रि की पूजा इन चरणों में करें और विशेष लाभ पाएँ :-
1. शिवरात्रि के दिन शिवलिंग को पंचामृत से स्नान करा कराएँ तथा केसर वाले [जल को 8 बार अर्पित करें ।
2. तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र व अपनी इच्छानुसार कुछ पैसे चढाएँ ।
3. अंत में केसर डालकर बनाई गई खीर का भोग लगाएँ व अन्य भक्तों में भी बाँटें ।
तो इस बार आप भी विशेष पूजा करें और शिवजी की कृपा दृष्टि से अपने जीवन में शांति और सुख का संचार करें I

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