किसी भी जन्म कुंडली को हम अच्छा या बुरा नहीं कह सकते। लोग अक्सर पूछते है, हमारी कुंडली बुरी है या अच्छी है। इस सवाल का जवाब हमेशा एक सा नहीं रह सकता। क्योकि समय हमेशा बदलता रहता है। आज अच्छा समय है तो कल बुरा हो सकता है। या फिर अच्छा या बुरा कुछ भी न हो। ऐसा उदासीन समय भी आ सकता है। तो जीवन में हमे इस बात को समझना होगा कि समय निर्भर करता है हमारे कर्मों पर, हमारे प्रयास पर।
इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि एक कुंडली में खास क्या होता है। हम कैसे देखते है कि कोई कुंडली खास व्यक्ति की है। यह कुंडली एक कलाकार की है, जोकि एक ऑलराउंडर है(निर्माता, निर्देशक और गायक)। उसके पास काफी प्रतिभा है। कौन से ग्रह उसे ऐसा बनाते है। यदि हम सिर्फ लग्न जन्म पर दृष्टि डालें, तो इस बात का पता लगाना लगभग मुश्किल हो जायेगा कि इस जातक का वास्तविक व्यवसाय क्या है। दूसरे घर का स्वामी अत्यंत दुर्बल स्थिति में है। और दूसरे घर पर शनि की नीच दृष्टि है इसलिए जातक की पृष्ठाधार अच्छे घर से नहीं है। यह एक संघर्षशील व्यक्ति है। परन्तु द्रेष्कोण चक्र को देखा गया तो उससे पता चला, कि जातक शुक्र से सम्बंधित कार्य करेगा। शुक्र से सम्बंधित यही कार्य है। (फिल्म उद्योग) ।
नीचे दी गयी कुंडली भी एक कलाकार की है जो फिल्म उद्योग से सम्बंधित है। फिल्म उद्योग में 5 वां घर और शुक्र महत्वपूर्ण होता है। जातक की कुंडली में 5 वां घर काफी बलवान है।

रियल एस्टेट:-
इस कुंडली में क्या खास है। रियल एस्टेट काम करने वाले लोगो के लिए कुंडली का 4था घर, मंगल और शनि महत्वपूर्ण होता है। इस कुंडली में 4थे घर का स्वामी चन्द्र नौवे घर मे और नौवे घर का स्वामी चौथे घर में विराजमान है। यह परिवर्तन योग महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त बृहस्पति उच्च राशि का है। इसलिए वह रियल एस्टेट सेक्टर में है।

एक एच आर मैनेजर की कुंडली में बृहस्पति का महत्वपूर्ण स्थान होता है। बृहस्पति ही मैनेजमेंट का कार्यभार सँभालने के लिए जरूरी घटक है। इस कुंडली मे गुरु ग्यारहवें घर मे विराजमान है तथा गुरु के अंश भी मध्य के हैं नवांश मे गुरु वर्गोत्तम है जो उसे एक सफल एच आर प्रबंधक बनाता है।

किसी भी जन्म कुंडली में खास ध्यान देने लायक चीजे, उच्च ग्रहों का होना या नीच ग्रहों का होना, यह सब नहीं होता। बल्कि ग्रहों की स्थिति की संगति कुंडली को अलग बनाती है। इससे समझ में आता है कि संगति ज्योतिष में भी काम करती है। जितने बेतरतीब ग्रह आपके होते है, आपका जीवन उतना ही उलझा हुआ होता है। यदि आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति सिलसिलेवार होती है, तो आप एक खास व्यक्ति है।
यदि आपकी कुंडली में किसी एक तत्व में सभी ग्रह विद्यमान है तो आप एक खास व्यक्ति है। यदि आपकी कुंडली के ग्रहों की डिग्री एक निश्चित अनुपात में है, तो आप एक खास व्यक्ति है।
उदाहरण के लिए :-
यदि आपकी कुंडली के सभी ग्रह 10 से 20 अंशों के भीतर है तो उच्च और नीच ग्रहों से फर्क नहीं पड़ता। आपका एक खास व्यक्तित्व बन पायेगा। अगर आपकी जन्म कुंडली में बहुत सारे ग्रह एक जगह इक्क्ठे है, तो यह स्तिथि भी आपकी कुंडली को खास बनती है। यदि आपकी कुंडली में सभी ग्रह अकेले अकेले बैठे है, तो आपकी कुंडली खास है।
ज्योतिष के सभी नियम साथ मिलकर काम करते है। ज्योतिष के सभी नियम स्वतंत्र काम नहीं करते है। बल्कि ग्रह एक दूसरे के साथ मिलकर कोई खास योग बनाते है। आपकी कुंडली में शुक्र उच्च राशि का केंद्र में स्थित है तो, मालव्य योग बनता है। परन्तु सभी मालव्य योग वाले व्यक्ति धन सम्पन और लक्ष्मीपति नहीं होते। आपकी कुंडली में मंगल उच्च का या स्वराशि का केंद्र में विद्यमान है, तो रुचक योग बनता है।
परन्तु जरूरी नहीं आप पुलिस में ही भर्ती हों। हमने रुचक योग वालों को साधारण निजी नौकरी करते हुए ही देखा है। इसलिए ज्योतिष का कोई नियम अकेला काम नहीं करता। इस तरह हम कह सकते है, कि खास जन्म कुंडली वाले व्यक्ति को कुंडली दिखने की आवश्यकता नहीं पड़ती। बल्कि कुंडली देखने वाले लोग स्वयं ही उनकी कुंडली का विश्लेषण किया करते है। कुंडली खास नहीं होती, खास आपको बनना है। कुंडली अपने आप खास हो जाएगी।
0 Comments