बच्चे की कस्टडी के बारे में यह आर्टिकल है। कभी-कभी घरेलू लड़ाई झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि निष्कर्ष तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। पति पत्नी का रिश्ता एक रिश्ता नहीं बल्कि यह अपने आप में पूरे परिवार की आधारशिला है यदि इन दोनों में से कोई एक अलग होने की जिद पकड़ ले तो दूसरा क्या कर पाएगा। ऐसी दशा में अलग होने के सिवा और कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है।
जब तक यह परिवार सीमित है और बच्चे नहीं हुए हैं तब तक इसमें अधिक कठिनाई नहीं आती आपस की समझदारी से विवाद निपट जाता है और आपसी सहयोग से अलग होना आम बात है परंतु दिक्कत तब आती है जब पति-पत्नी के सिवाय बच्चों की भी जगह परिवार में होती है। अलग होने की स्थिति में बच्चों की कस्टडी किसके पास होगी यह एक बड़ा प्रश्न है।
बच्चे की कस्टडी माँ के पास रहती है।
अधिकतर मामलों में न्याय पक्ष से फैसला यह आता है कि बच्चे की परवरिश बच्चे की मां करेगी परंतु एक दूसरे को नीचा दिखाने के चक्कर में कभी-कभी लोग हद पार कर जाते हैं। पत्नी की ओर से यह मांग की जाती है तो स्वाभाविक है परंतु पति की ओर से कभी-कभी बच्चे की कस्टडी की मांग की जाती है। ऐसा तब होता है जब पिता को अपने बच्चे के साथ गहरा लगाव हो।
बच्चे की कस्टडी और ज्योतिष
एक ज्योतिषी होने के नाते हमारे पास इस प्रकार के किसी आते हैं और हमें उन लोगों की ग्रह स्थिति का ज्ञान हो जाता है जो लोग इस समस्या से जूझते हैं। बच्चे की कस्टडी किसको मिलेगी यह प्रश्न जब लोग हमसे करते हैं तो हम माता पिता और बच्चे तीनों की कुंडली की मांग करते हैं। किन बिंदुओं को गौर से देखने के पश्चात हम भविष्यवाणी करते हैं आइए जानते हैं।
कुंडली का पांचवां घर और बच्चे की कस्टडी
पुरुष की कुंडली में पांचवा घर देखकर हम यह पता लगाते हैं कि अमुक व्यक्ति के जीवन में संतान की ओर से सुख लिखा है या दुख पहली संतान कैसी होगी उसके प्रति जातक का रुझान कैसा होगा संतान से सुख मिलेगा या दुख यह सब बच्चे के पिता की कुंडली से सहज ही जाना जा सकता है। कुछ इसी प्रकार ही माता की कुंडली में देखा जाता है कि कुंडली के पांचवें घर और चौथे घर की क्या स्थिति है बच्चे का सुख कितना है वर्तमान ग्रह स्थिति क्या है और कानून से संबंधित ग्रह शनि और मंगल फेवरेबल हैं या नहीं यदि नहीं है तो बृहस्पति की क्या स्थिति है जो कि न्याय का कारक ग्रह है। इन बिंदुओं को गौर से देखने के पश्चात हम यह पता लगा सकते हैं कि बच्चे की कस्टडी किसके पास जाएगी।
बात यहीं खत्म नहीं होती बच्चे की कुंडली को देख कर हम यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि माता और पिता किस से अधिक लगाव रहेगा किसका सुख अधिक बच्चे को मिलेगा। इसके अतिरिक्त माता पिता का जीवन में क्या स्थान रहेगा? सौतेली माता या पिता का योग तो नहीं है। यह सब बच्चे की कुंडली के चौथे 10 में घर और सूर्य चंद्रमा बृहस्पति की स्थिति को देखकर पता लगाया जा सकता है।आखिरकार एक मोटा अनुमान हम लगा सकते हैं कि एक माता-पिता के झगड़े में बच्चे का भविष्य कैसा रहेगा?
इस विषय पर आपकी अपनी कुछ समस्याएं हो सकती हैं जिन्हें समझने के लिए व्यावहारिक रूप से बात होनी आवश्यक है। वह चाहे जो भी हों आपकी कुंडली इस बात का पता लगाने के लिए काफी है कि आपको भाग्य किस प्रकार सहायता दे सकता है। इस सन्दर्भ में बिभिन्न प्रकार के उपाय कमाल कर सकते हैं।
व्यक्तिगत रिपोर्ट बनवाएं।
व्यक्तिगत रिपोर्ट बनाने के लिए हमें आपकी पूरी जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थान चाहिए। यही डिटेल यदि बच्चे की भी मिल पाएं तो अति उत्तम। आप अपनी समस्या हमें नीचे दिए गए फॉर्म में भरकर भेज दें। हम आपकी मदद करने के लिए एक होती सी कंसल्टेशन फीस ले सकते हैं और आपके बच्चे के भविष्य से जुडी सटीक जानकारी आपको भेज दी जाएगी।
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