कुंडली के नौवें घर से भाग गए क्या विचार किया जाता है सब जानते हैं परंतु आप के संचित कर्म पूर्व जन्म के संचित कर्म बीएसए आगे की पढ़ाई आपके पुत्र की प्रेमिका यह सब भी कुंडली के नौवें घर से देख सकते हैं।
अभी तक आप जो जानते थे जन्मकुंडली के नौवें घर के बारे में
नौवां घर आपके भाग्य को दर्शाता है। नौवें घर से आपकी किस्मत का पता चलता है कहां तक भाग्य आपका साथ देगा और नौवें घर से पुत्र के पुत्र का विचार किया जाता है इसके अतिरिक्त नौवां घर धर्म के प्रति आपकी रूचि और आपके द्वारा किए गए पुण्य को दर्शाता है। आज हम इस पोस्ट में आपको बताएंगे कि आप नौवें घर से और क्या रहस्य में बातों का पता लगा सकते हैं। कौन सी ऐसी छुपी हुई चीजें हैं जो आप अपने घर से जान सकते हैं। नौवां घर आपकी किस्मत का है परंतु नौवां घर ही बदकिस्मती का भी होता है। कुंडली के इसी घर से पता चलता है कि कोई व्यक्ति दूसरों के लिए शुभ है या अशुभ। दुर्योधन जब पैदा हुआ था तो वह समाज के लिए इतना अधिक अशुभ था कि उसके जन्म लेने के उपरांत अनेक प्रकार के अपशगुन दिखाई दिए थे। भीष्म पितामह ने धृतराष्ट्र को सुझाव दिया था कि इस बच्चे को नष्ट कर देना चाहिए। कुंडली का नौवां घर यह बताता है कि कोई व्यक्ति समाज के लिए दुनिया के लिए कितना अधिक शुभ या अशुभ है। नई बात पता चली ना आज। उस स्थिति का पता लगाते हैं जब आपको भाग्य की परम आवश्यकता होती है। इसके विषय में जानने के लिए नौवें घर की दशा कब आ रही है यह कुंडली में देखना होगा। आपको पता चल जाएगा कि अमुक समय पर आपको भाग्य की परम आवश्यकता होगी। आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा जब आपको भगवान की ओर देखना पड़ा होगा कि हे भगवान बचा ले और भाग्य ने आप का साथ दिया होगा।
आपकी प्रारंभिक शिक्षा यानी बचपन में जो आप पढ़ाई करते हैं प्राइमरी स्कूल तक कि वह कुंडली के दूसरे घर से देखी जाती है आपकी कॉमनसेंस कुंडली का दूसरा घर बताता है परंतु आपकी बुद्धिमत्ता कुंडली के पांचवें घर से देखी जाती है जोकि आपके ग्रेजुएशन तक के समय तक सीमित है। कुंडली के नौवें घर से बीए के बाद की पढ़ाई देखी जाती है यानी पोस्ट ग्रेजुएशन हम कुंडली के नौवें घर से देखते हैं।
आपने अपने पिछले जन्म में कितना धर्म किया है कुंडली के नौवें घर से यह पता लगाया जा सकता है क्योंकि आपके द्वारा किए गए पुण्य जो आपने पिछले जन्म में किए थे उसी के परिणाम स्वरूप आपको यह जन्म मिला है। इसलिए आप इस जन्म में जो कुछ प्राप्त करेंगे अपनी मेहनत से अपने भाग्य से उसका ब्यौरा कुंडली के नौवें घर में दिया रहता है।
यहां यह बात उल्लेखनीय है कि हम किसी बात की गहराई तक कैसे जाते हैं यदि हमें कुंडली के नौवें घर में गहराई से देखना है तो हम यहां के स्वामी को देखेंगे फिर कुंडली के नौवें घर के स्वामी की स्थिति 14 स्वर्ग में क्या है वह देखेंगे और इसके लिए बहुत सारे ज्ञान की आवश्यकता होगी जिसका प्रदर्शन हम यहां नहीं कर सकते।
कुंडली का नौवां घर बताता है कि आपका परिवार या आपकी पीढ़ियां कहां तक चलेंगी। आपका वंश कहां तक चलेगा हालांकि इसके लिए अन्य कुंडली के घरों को देखने की आवश्यकता होगी परंतु आपके पौत्र के विषय में नौवें घर से पता लगाया जा सकता है।
आइए अब जानते हैं कुंडली के नौवें घर में विभिन्न ग्रहों की स्थिति से क्या फल होता है।
यदि सूर्य कुंडली के नौवें में घर में हो तो जातक सौभाग्यशाली होता है आपके जीवन में कभी रुपए पैसे अधिकार की कमी नहीं रहेगी आपको सुख सुविधा और अधिकार के लिए लड़ना नहीं पड़ेगा बल्कि लोग स्वयं आपको आपका हक दिलाएंगे। एक राजा की तरह आप का सम्मान होगा और इसी का सबूत है कि आप के हाथ में सूर्य की रेखा सीधी पतली और पुष्ट होगी।
चंद्रमा कुंडली के नौवें घर में है तो आप अति भाग्यशाली व्यक्ति है कदम कदम पर किस्मत आपका साथ देगी। जैसे-जैसे बचपन से आप युवावस्था की ओर जाएंगे आपके परिवार में सर्वत्र शुभ कार्य संपन्न होंगे और आपके परिवार की तरक्की होगी। आपके जन्म से आपके परिवार में सौभाग्य का आगमन हुआ है ऐसा समझें। जब कभी भाग्य की आवश्यकता होगी तब आपकी किस्मत आपको निराश नहीं करेगी।
मंगल यदि कुंडली के नौवें घर में है तो आपको अपने पराक्रम से भाग्य बनाना होगा। आपको अपनी किस्मत लिखने के लिए अनेक लोगों को झुकाना होगा और आप ऐसा करेंगे भी। आपको अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ेगा परंतु आपका अधिकार आपको अवश्य मिलेगा। आप को आंख में कष्ट पैर में चोट या वाहन से गिरने की दुर्घटना का योग है।
यदि बुध कुंडली के नौवें घर में है तो यह एक शुभ संकेत है आप चतुराई से अपने भाग्य को अपने पक्ष में कर लेंगे तथा आपके भाग्य के निर्माण में आपके दोस्तों और सहायक लोगों का योगदान शामिल होगा। वाकपटुता और अपनी बोल बानी के बल पर आप अपने भाग्य को मजबूत बना लेंगे। आप एक सम्मानित व्यक्ति कह लाए जाएंगे।
गुरु यदि कुंडली के नौवें घर में विराजमान है तो आपको भाग्य के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि जहां-जहां भाग्य की आवश्यकता होगी भाग्य आपका साथ देगा। जिसकी कुंडली के नौवें घर में बृहस्पति होता है उसे खतरों से बचाता है और ऐसे व्यक्ति परम सौभाग्यशाली माने जाते हैं आपके पुत्र आपके वंश की वृद्धि करेंगे और आपके पुत्र भी आपको सम्मान देंगे। आपकी संतान जैसे जैसे बड़ी होगी वैसे वैसे आपका भाग्य और प्रबल हो जाएगा। कम से कम 1 पुत्र का साथ आपको अवश्य मिलेगा यदि आप की पुत्री अधिक हैं तो भी उन पुत्रियों में पुत्रों के समान गुण होंगे।
यदि शुक्र आपकी कुंडली के नौवें घर में है तो अपना केवल स्वयं के लिए बल्कि दूसरों के लिए भी सौभाग्यशाली सिद्ध होंगे पूर्णविराम जहां आप जाएंगे लक्ष्मी वही आपके सम्मुख आ जाएगी। लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी। कभी पैसे वस्त्र आभूषण और सुख सुविधाओं के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। सुख सुविधा का सब सामान आपको उस समय में भी उपलब्ध होगा जिस समय में यह दूसरों के लिए दुर्लभ है। नए घर में शुक्र के होने से आपकी एक पुत्री के आगमन से आपके जीवन में सौभाग्य और सफलता आपकी और खींची चली आएगी। आप की पुत्री या पुत्री आपका नाम रोशन करेगी।
शनि ग्रह यदि कुंडली के नौवें घर में है तो आपको अपना भाग्य बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा। आपके सभी कार्य देर से संपन्न होंगे या आपको अपने कार्य सिद्ध करने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है परंतु सफलता आपको अवश्य मिलेगी। कुंडली के नौवें घर में सही के होने से जब आपको भाग्य की परम आवश्यकता होगी तब आपको निराशा होगी। आपको भाग्य के प्रति अविश्वास होगा और आप कभी भाग्य के भरोसे नहीं रहेंगे बल्कि अपनी मेहनत के बल पर अपना भाग्य बनाएंगे। आप के प्रभाव से दूसरों का भाग्य क्षीण हो जाएगा और आपकी कोई उपेक्षा नहीं कर पाएगा।
राहु यदि कुंडली के नौवें घर में है तो आपको अचानक सर प्राइस देने की आदत होगी। आप दूसरों को हैरान कर देने की इच्छा से कार्य करेंगे। आपके सभी कार्य अचानक संपन्न होंगे जब भी आप प्लानिंग करके कोई कार्य करेंगे उसके पूर्ण होने में संदेह होगा। नए घर में राहु के होने से उस समय भाग्य आपका साथ देगा जिस समय कि किसी ने कल्पना नहीं की थी। ऐसे व्यक्ति आपका साथ देंगे जिसका किसी को अंदेशा नहीं था। आप अपने जीवन में ऐसा धर्म कमाएंगे जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। आपके द्वारा अनायास ही किए गए कार्यों से दूसरे बहुत अधिक प्रभावित होंगे। आपके केवल उपस्थिति मात्र से दूसरों का भाग्य प्रबल या किसी दिन होगा परंतु दूसरे लोग आपकी उपस्थिति से प्रभावित अवश्य होंगे।
केतु के नौवें घर में घर में होने से धर्म परायण एवं अध्यात्मिक जीवन आपको मिलेगा आप धर्म परायण होंगे और गूढ़ विद्याओं के प्रति आपको शायद आकर्षण होगा। जीवन के कुछ सत्य आपको पूर्व जन्म से याद होंगे। अपने पूर्व जन्मों के लोगों या घटनाओं से इस जन्म में भी आप परिचित होंगे। कुछ ऐसी बातें होंगी जो आपको सहज ही मालूम हो जाएंगी और जो सत्य के बहुत करीब होंगी। यह आत्मज्ञान का एक बहुत सुंदर उदाहरण है। कुंडली के नौवें घर में केतु के होने से आप पर देवी कृपा अवश्य होगी। आप जिसे आशीर्वाद देंगे वह भाग्यशाली कहलायेगा और आप जिसे आश्रय हिना करेंगे वह कठिन परिस्थितियों में फंस जाएगा। आपके द्वारा अनेक लोगों का भाग्य बनेगा और आप कई वेल सेटल्ड लोगों के आश्रय दाता सिद्ध होंगे।
0 Comments